Use your ← → (arrow) keys to browse
सुनवाई के दौरान AIMPLB ने वकील ने कहा कि बोर्ड सभी सुझावों का विनम्रता से स्वागत करता है और उन पर विचार भी करेगा। सुप्रीम कोर्ट ने बोर्ड से यह भी जानना चाहा कि क्या बोर्ड की अडवाइजरी को जमीनी स्तर पर काजी अमल में लाएंगे? इस पर बोर्ड के वकीलों में से एक यूसुफ मुछाला ने कहा कि बोर्ड की अडवाइजरी को मानना काजियों के लिए अनिवार्य नहीं है।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक बेंच तीन तलाक पर सुनवाई कर रही है। मंगलवार को सुनवाई के चौथे दिन AIMPLB के वकील कपिल सिब्बल ने अदालत में तीन तलाक को मुस्लिमों की आस्था का मुद्दा बताते हुए उसकी तुलना भगवान राम के अयोध्या में जन्म से कर डाली थी। AIMPLB की तरफ से सिब्बल ने दलील दी कि अगर भगवान राम के अयोध्या में जन्म लेने को लेकर हिंदुओं की आस्था पर सवाल नहीं उठाए जा सकते तो तीन तलाक पर सवाल क्यों?
Use your ← → (arrow) keys to browse