तीन तलाक के मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में दूसरे दिन भी सुनवाई जारी है. इस मामले में अपनी व्यक्तिगत क्षमता में न्यायालय की मदद कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता सलमान खुर्शीद ने कहा कि उनकी निजी राय में तीन तलाक पाप है. AIMPLB का स्टैंड है कि ट्रिपल तलाक घिनौना है लेकिन तब भी वैध है.
जस्टिस कूरियन जोजफ ने पूछा कि क्या जो धर्म के मुताबिक ही घिनौना है वो कानून के तहत वैध ठहराया जा सकता है? सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि जो पाप है क्या उसे शरियत में लिया जा सकता है? बेंच के सवालों के जवाब में सलमान खुर्शीद ने कहा कि तीन तलाक जैसा गुनाह शरियत का हिस्सा नहीं हो सकता. उन्होंने कहा कि सिर्फ भारतीय मुस्लिमों में ही तीन तलाक का प्रचलन है.
सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि भारत के बाहर इसकी क्या स्थिति है? इस सवाल के जवाब में खुर्शीद ने कहा है कि ये भारत में बाहर से आया है. आज ये सिर्फ भारत में ही है. तीन बार तलाक मुस्लिमों में शादी खत्म करने का ‘‘सबसे खराब और अवांछनीय रूप’’ है.इस मामले में वरिष्ठ अधिवक्ता राम जेठमलानी ने तीन बार तलाक को ‘घृणित’ बताते हुए कहा कि ये महिलाओं को तलाक का समान अधिकार नहीं देता.