जमशेदपुर के पोखरियां गांव में मुस्लिम परिवारों के पलायन का दौर शुरू हो गया है। शुक्रवार को और दो परिवार गांव छोड़ दिया। बेघर हुए इन सब लोगों ने कपाली के हासिम मस्जिद में शरण ली है। अपने घर और जमीन छोड़ गांव को अलविदा कहने वाले ये 12 परिवारों के 130 लोग हैं। एक महीने में दूसरी बार ऐसा हुआ है। आलम ये है कि अब इस गांव में सिर्फ एक मुस्लिम व्यक्ति शरीफ अंसारी रह गया है, उसकी भी मानसिक स्थिति ठीक नहीं है।
गांव वालों ने बंद किया हुक्का-पानी
पोखरिया के मुस्लमानों ने बताया कि गांव वालों ने इन लोगों का राशन बंद कर दिया है। इन्हें हाट में दुकान तक लगाने की अनुमति नहीं है। उसपर सरपंच ने ये तुगलकी फरमान सुनाया है कि अगर गांव का कोई भी शख्स किसी मुस्लिम से बात कहेगा, तो उससे पांच हजार रुपये का जुर्माना वसूला जाएगा। इस सबके बीच ये मुस्लिम परिवार भरे-पूरे आबादी वाले गांव में एकदम अलग-थलग पड़ गए थे। एक वक्त ऐसा भी आया जब इन्हें चाय तक नसीब नहीं हो रही थी।
गांव के सार्वजनिक तालाब में नहाने पर पाबंदी लगा दी गई। बार-बार जान से मारने की धमकी दी जा रही हैं। चेतावनी दी जा रही है कि गांव के लोगों से बात की तो बुरे परिणाम भुगतने होंगे। 13 अप्रैल को भी उन लोगों को गांव छोड़ना पड़ा था।
केस वापस लेने का बना रहे दवाब
65 साल के असगर अली पर आरोप लगा था कि उन्होंने तरणी महतो के परिवार की महिला से गलत काम किया है। इसके बाद उनके घर में आग लगा दी गई थी। प्राथमिकी दर्ज हुई और असगर अली को जेल भेजा गया। आग लगाने वालों के खिलाफ पुलिस ने मुकदमा किया है। मुस्लिम परिवारों पर दबाव डाला गया है कि जब तक मुकदमा वापस नहीं होगा तब तक उन लोगों का हुक्का पानी बंद रहेगा।
पूर्वा सिंहभूम के एसएसपी अनूपटी मैथ्यू ने कहा कि पोखरिया गांव में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। जो लोग गांव छोड़ कर गए हैं, उनके रहने का इंतजाम किया जाएगा और न्यायसंगत कार्रवाई की जाएगी।
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