उरी हमले के बाद भारत लगातार पाकिस्तान पर कूटनीतिक और रणनीतिक दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है। इसमे सिंधु समझौते के सहारे पाकिस्तान पर ज्यादा दबाव बनाया जा सकता है। भारत अब इस संबंध में निर्णायक कार्रवाई की तैयारी में जुट गया है।
जिसके चलते आज केंद्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती ने अधिकारियों के साथ बैठक कर सिंधु नदी के समझौते को रद्द करने संबंधी उपायों पर चर्चा की। बैठक में जल संसाधन मंत्रालय के अधिकारी और विशेषज्ञ शामिल रहे।
इन्हीं में से एक है 60 साल पहले हुए सिंधु समझौते पर पुर्नविचार करना। जिसे दोनों देशों के बीच एक महत्वपूर्ण समझौता माना जाता है। भारत अब इस समझौते को रद्द कर पाकिस्तान की आर्थिक कमर तोड़ना चाहता है। इसके लिए केंद्र सरकार अलग अलग प्रावधानों पर विचार कर रही है।
एक दिन पहले विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने भी इस बात के संकेत दिए थे। कि भारत जल्द इस संधि की समीक्षा करेगा। इसी कड़ी में आज केंद्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती ने नई दिल्ली में अधिकारियों के साथ बैठक कर सिंधु नदी के नियमो और प्रावधानों पर विचार किया।