तीन तलाक की प्रथा पर शिया मुस्लिम लॉ बोर्ड ने कहा की यह बिल्कुल सती प्रथा की तरह प्रताड़ित करती है और यह बैन होनी चाहिए। फिलहाल तीन तलाक के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है। कई मुस्लिम महिलाओं का कहना है कि पुरुष तलाक के जरिए उन्हें प्रताडि़त करते हैं।
सुप्रीम कोर्ट में मुसलमानों में तीन बार तलाक कहने को लेकर चल रहे विवाद पर अखिल भारतीय शिया मुस्लिम लॉ बोर्ड का कहना है कि वे सुन्नी समुदाय को इस बारे में समझाएंगे। लखनऊ में गुरुवार को शिया बोर्ड की बैठक में इस मामले में सुप्रीम कोर्ट जाने का फैसला लिया गया। बैठक के दौरान सरकार से कहा गया कि हिेंदुओं में जिस तरह से सती प्रथा को प्रतिबंधित किया गया उसी तरह से तीन तलाक पर भी बैन लगाया जाए।
शिया बोर्ड के प्रवक्ता मौलाना यासूब अब्बास ने बताया कि तीन तलाक महिलाओं के अधिकारों के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि तलाक का बोझ हमेशा महिला क्यों सहे? इससे न केवल एक महिला बल्कि उसके परिवार और बच्चों को भी इस दर्द से गुजरना पड़ता है। जब इस्लाम में महिला और पुरुष को समान बताया गया है तो महिलाओं के खिलाफ भेदभाव को कैसे सही ठहराया जा सकता है