नोटबंदी के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी पहली रैली के जरिए उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में यह साफ कर दिया कि अब बेईमानों की खैर नहीं है। पांच सौ-हजार की नोट को कागज के बराबर करने के बाद गाजीपुर में पीएम मोदी पूरे फॉर्म में नजर आए। इस रैली में उन्होंने गरीबों का मनोबल बढ़ाने के साथ भ्रष्टाचारियों के मनोबल को अपने शब्दों के जरिए तोड़ा। इशारों इशारों में जहां मायावती को कुछ समझाया वहीं कांग्रेस को खुल्लमखुल्ला जमकर धोया। आइए जानें आखिर क्या हैं उनकी स्पीझच के दिलचस्प टॉपिक…
मुझे मालूम है कि आपको तकलीफ हो रही है। आप बताइए जब आप पुताई करवाओ तो दस दिन तक गंध रहती है ना। कोई भी अच्छा काम कराओ तो तकलीफ होती ही है। बस इरादा नेक होना चाहिए। बताइए मैं ये सब भलाई के लिए ही कर रहा हूं। कुछ राजनीतिक दल बहुत परेशान हैं। अब करें क्या. कुछ ऐसे हैं जिनकी नोटों के मालाओं से मुंडी भी नहीं दिखती थी। मुझे बताइए अब सब बराबर के हो गए हैं कि नहीं। नोटों की मालावालों को चुनाव की चिंता है। पर कुछ लोगों को ज्याबदा तकलीफ हो रही है।
मैं कांग्रेसियों से विशेष रूप से पूछना चाहता हूं। वो कह रहे हैं कि जनता को दिक्कैत हो रही है। जनता की चिंता करने वाली कांग्रेस, आपने तो 19 महीने आपातकाल लागू करके इस देश को जेलखाना बना दिया था। उस जमाने में आपकी पुलिस लोगों को उठाकर जेल ले जाती थी।