अमेरिकी अखबार ने हिंदुत्व के फायरब्रांड नेता माने जाने वाले योगी आदित्यनाथ को यूपी का सीएम बनाए जाने की आलोचना की है। द वॉशिंगटन पोस्ट के ओपिनियन पेज पर नीलांजना भौमिक के एक लेख की हेडलाइन है- मीट द मिलिटेंट मॉन्क स्प्रेडिंग इस्लामोफोबिया इन इंडिया यानी भारत में इस्लाम के खिलाफ नफ़रत फैलाने वाले चरमपंथी महंत से मिलिए। वॉशिंगटन पोस्ट के इस लेख में लव जिहाद, मुस्लिमों को लेकर योगी के बयान और धर्मांतरण जैसे मुद्दों के साथ ही अयोध्या विवाद का भी जिक्र किया गया है।
वॉशिंगटन पोस्ट के लेख में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को भारतीय राजनीति में ध्रुवीकरण करने वाली बड़ी शख्सियत कहा गया है। इसमें ये भी कहा गया है कि मोदी को शायद लगता है कि विकास के वादे न पूरे कर पाने और नोटबंदी जैसे कदम की वजह से उनकी प्रशंसकों की तादाद में कमी आई है। ऐसे में मोदी ने आदित्यनाथ के जरिए हिंदुत्व कार्ड खेला है।
वॉशिंगटन पोस्ट के आर्टिकल में लिखा गया है कि आदित्यनाथ अपनी ही पार्टी में लोकप्रिय नहीं हैं, इसके बावजूद मोदी और आदित्यनाथ हिंदुत्व को जोड़ने वाले दो सबसे बड़े मुद्दे गाय और अयोध्या के जरिए जनता में लोकप्रिय छवि बनाए हुए हैं। लेख के आख़िर में साम्यवादी विचारक कार्ल मार्क्स के उस विचार का जिक्र है जिसमें उन्होंने कहा था कि धर्म अफीम की तरह होता है।
अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स् के संपादकीय में भी योगी आदित्यनाथ को सीएम बनाए जाने को अल्पसंख्यकों के लिए बड़ा धक्का और चौंकाने वाला अपमान बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना की गई है। इसमें कहा गया है कि 2019 के चुनाव को ध्यान में रखते हुए हिंदू राष्ट्र के सपने को आगे बढ़ाने के लिए आबादी के आधार पर देश के सबसे बड़े राज्य के मुखिया के रूप में उनकी नियुक्ति की गई है।
23 मार्च को अमेरिकी अख़बार ने ‘हिंदू कट्टरपंथियों से मोदी की गलबहियां’ टाइटल से छपे लेख में कहा था कि 2014 में चुने जाने के बाद से ही पीएम मोदी बीजेपी के कट्टर हिंदू जनाधार का तुष्टीकरण करते हुए विकास और आर्थिक प्रगति की आड़ में धार्मिक अल्पसंख्यकों के साथ धोखा कर रहे हैं।
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