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बता दें कि गांधी अब डिफेंस कंसलटेटिव कमिटी के सदस्य नहीं हैं। बीजेपी के सीनियर नेताओं का कहना है कि खुफिया किस्म के दस्तावेज या जानकारी को आम तौर पर संसदीय कमिटी के सदस्यों से नहीं साझा किया जाता।
एलन कभी वर्मा के एजेंट हुए करते थे। उन्होंने 2012 में भारतीय अधिकारियों के साथ ऐसे सैकड़ों दस्तावेज शेयर किए, जिसकी वजह से आर्म्स डीलर अभिषेक के खिलाफ कई मामले दर्ज हो पाए। इनमें रक्षा मंत्रालय से जुड़े गोपनीय दस्तावेज लीक होने का मामला भी शामिल है।
एलन की ओर से इस लेटर की एक कॉपी डिफेंस मिनिस्टर और नैशनल सिक्यॉरिटी अडवाइजर को भी भेजी गई है। एलन के मुताबिक, ऐसा करने का मकसद यह पता लगाने में मदद करना है कि कहीं डिफेंस कंसलटेटिव कमिटी का कोई अन्य सदस्य या उनका स्टाफ अभिषेक वर्मा द्वारा ब्लैकमेल तो नहीं किया जा रहा।
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