जानिए प्रचार से कितना पैसा बनाए जाकिर ने?

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जाकिर नाइक

नई दिल्ली। विवादों में घिरे इस्‍लामिक धर्म प्रचारक जाकिर नाइक इस्‍लामिक रिसर्च फाउंडेशन नाम का एनजीओ चलाते हैं। वहीं, रजिस्‍ट्रार ऑफ कंपनीज में उपलब्‍ध आंकड़ों के हवाले से पता चला है कि नाइक ने 2005 से 2008 के बीच दो रीयल एस्‍टेट कंपनियां और एक वीडियो एंड टेलिविजन सॉफ्टवेयर प्रोडक्‍शन हाउस भी खोला था। रिकॉर्ड्स के मुताबिक, जाकिर नाइक और उनकी पत्‍नी फरहत जाकिर नाइक 2013 तक दो रीयल एस्‍टेट कंपनी लॉन्‍गलास्‍ट कंस्‍ट्रक्‍शंस और राइट प्रॉपर्टी सल्‍यूशंस के प्रमोटर और डायरेक्‍टर थे। वित्‍त वर्ष 2009 से 2015 के बीच इन दोनों कंपनियों ने किसी तरह की आमदनी की जानकारी नहीं दी। हालांकि, एक कंपनी के लिए गए कर्ज में इजाफा हुआ। हालांकि, वीडियो एंड सॉफ्टवेयर प्रोडक्‍शन हाउस हारमोनी मीडिया ने रेवेन्‍यू में अच्‍छी खासी बढ़त दर्ज की गई।

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इस बीच, सरकार इस्‍लामिक रिसर्च फाउंडेशन को विदेश से मिले धन की भी जांच कर रही है। इस हफ्ते की शुरुआत में गृह मंत्रालय के सूत्रों ने कहा था कि एनजीओ को 2012 तक चार देशों से 15 करोड़ रुपए रुपए मिले। यह रकम यूके, सऊदी अरब और अन्‍य खाड़ी देशों से मिली।

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बता दें कि बी‍ते कुछ दिनों से नाइक विवादों में हैं। हाल के वक्‍त में उनका नाम उस वक्‍त सुर्खियों में आया जब बांग्‍लादेश में एक पॉश रेस्‍तरां में हुए हमले के लिए जिम्‍मेदार एक आतंकी के जाकिर नाइक के भाषणों से प्रभावित होने की बात सामने आई। बाद में जाकिर नाइक के कुछ विवादास्‍पद वीडियो भी सोशल मीडिया पर सर्कुलेट हुए, जिनमें वे इस्‍लाम को छोड़कर बाकी धर्मों को गलत ठहराते, महिलाओं की पिटाई और सेक्‍स स्‍लेव रखने को जायज ठहराते नजर आते हैं। सरकार ने कहा है कि जाकिर नाइक के भाषणों की जांच होगी। उनका एनजीओ इस्‍लामिक रिसर्च फाउंडेशन भी सरकार के निशाने पर है।

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