इस तरह की डेटिंग्स के लिए खास कैफे बने होते हैं। कई जगह तो बड़े दिलचस्प नियम भी हैं। मसलन, कैफे 10 बजे बंद हो जाने चाहिए ताकि वहां आने वाले पुरुष सही समय पर अपने घर अपनी पत्नियों के पास पहुंच सकें। हाई स्कूल डेटिंग भी कई तरह की होती है। कई कैफे में ऐसी व्यवस्था है कि कम उम्र की हाई स्कूल लड़कियां वन-वे शीशे के आगे स्कूल यूनिफॉर्म पहनकर बैठती हैं और अपने ‘ग्राहकों’ की मर्जी के मुताबिक पोज देती हैं। फिर ‘टूर गाइडिंग’ की भी व्यवस्था है। इसमें ग्राहक चाहे, तो लड़कियों को लेकर टहलने जा सकता है। इस तरह के मामले अक्सर सेक्स सर्विस देने पर खत्म होते हैं। ऐसी डेटिंग्स भी हैं, जहां ग्राहक सेक्स करने में ही दिलचस्पी लेते हैं और इसके एवज में पैसे देते हैं।
ओसाका यूनिवर्सिटी में समाजशास्त्र और जेंडर स्टडीज पढ़ाने वाले एक प्रफेसर ने बताया कि जापान मूल रूप से पितृसत्तात्मक समाज है। ऐसे में पुरुषों को कम उम्र की लड़कियां ज्यादा लुभाती हैं। ऐसी लड़कियों के साथ सेक्स करने में उनकी ज्यादा दिलचस्पी होती है। स्टेट डिपार्टमेंट ने हाल ही में अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार तौर-तरीकों पर तैयार की गई अपनी एक रिपोर्ट में जापान के अंदर बच्चों के साथ हो रहे यौन शोषण पर काफी चिंता जाहिर की। विभाग ने माना कि पैसे देकर डेटिंग करने का यह चलन असल में बच्चों की सेक्स ट्रैफिकिंग का एक बड़ा कारण है। पिछले कुछ सालों से इस बिजनस को खत्म करने की कई कोशिशें हुई हैं, लेकिन इनमें से ज्यादातर बेअसर ही साबित हुई हैं। इसकी एक वजह यह भी है कि लोगों को यह सामान्य लगता है। बहुत कम लोग ही इसे किसी परेशानी या समस्या के तौर पर देखते हैं। बाकियों को जैसे इससे कोई दिक्कत हीं नहीं है। जापानी समाज का अधिकांश हिस्सा इस पूरी व्यवस्था के बारे में क्या सोचता है, इसकी बानगी युकी ओमाया नाम के एक फटॉग्रफर की जुबानी सुनिए, ‘ऐसे पुरुष हैं जो कि हाई स्कूल में पढ़ने वाली लड़कियों के साथ समय गुजारना चाहती हैं और फिर ऐसी लड़कियां भी हैं जो उनके साथ वक्त बिताकर पैसे कमाना चाहती हैं। इसमें गलत क्या है?’
































































