आज गुरुनानक जयंती, गंगा स्नान और बाल दिवस है। इन तीनो पर्व की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाये। जहां एक तरफ लोग आज के दिन गुरूद्वारे में मथा टेकने जाते है वही दूरी और आज ही के दिन लोग गंगा जी में डुबकी भी लगाते है। क्योकि आज है गंगा स्नान और गुरूपूर्णिमा का खास दिन। गुरूपूर्णिमा के दिन को सिख धर्म के लोग बहुत धूम धाम से मनाते है। इस दिन सिख धर्म के संस्थापक और पहले गुरु गुरुनानक देव का जन्म कार्तिक पूर्णिमा के दिन हुआ था। यही वजह है कि इस दिन को सिख धर्म के अनुयायी बड़े ही धूमधाम से प्रकाश उत्सव और गुरु पर्व के रूप में मनाते हैं। गुरु नानक देव भाईचारा, एकता और जातिवाद को मिटाने के लिए कई उपदेश दिए।
गुरु नानक देव ने ही इक ओंकार का नारा दिया यानी ईश्वर एक है। वह सभी जगह मौजूद है। हम सबका “पिता” वही है इसलिए सबके साथ प्रेमपूर्वक रहना चाहिए। किसी भी तरह के लोभ को त्याग कर अपने हाथों से मेहनत कर और न्यायोचित तरीकों से धन का अर्जन करना चाहिए।
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