नमक के कुप्रभावों को गंभीरता से लेते हुए अब भारतीय इसके सेवन पर सतर्कता बरत रहे हैं। एक अध्ययन के मुताबिक ज्यादा नमक के सेवन से होने वाली बिमारियों से बचने के लिए वे भोजन में बदलाव कर रहे हैं। 187 में से 181 देशों में लोग डब्ल्यूएचओ द्वारा अनुशंसित दैनिक ऊपरी सीमा से अधिक नमक का उपभोग करते हैं। डब्लूएचओ के अनुसार प्रति दिन 5 ग्राम नमक का सेवन करना चाहिए। वैश्विक औसत की तुलना में भारतीय 9 फीसदी अधिक नमक का उपभोग करते हैं। करीब 10.06 ग्राम।
ऑस्ट्रेलिया की संस्था ‘द जॉर्ज इंस्टीट्यूट फॉर ग्लोबल हेल्थ’ के एक शोधकर्ता क्लेयर जॉनसन ने इस साल फरवरी में नमक सेवन के मामले में भारत केंद्रित एक अध्ययन का नेतृत्व किया था। इसमें भारतीयों द्वारा सेवन किए जाने वाले नमक पर चर्चा की गई है। अध्ययन में भारत में शिक्षित और अशिक्षित, शहरी और ग्रामीण, पुरुष और महिला, और 40 वर्षों की विभिन्न आयु के 1,395 उत्तरदाताओं को शामिल किया गया ।
10 में से 9 यानी 90 फीसदी उत्तरदाता ने कहा कि आहार में उच्च नमक के सेवन से स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव के संबंध में उन्हें जानकारी है। जब उनसे पूछा गया कि: “आपके आहार में नमक को कम करना कितना महत्वपूर्ण है?” तो कई लोगों का जवाब सकरात्मक था। इतना ही नहीं, प्रतिभागियों ने वास्तव में इस तरह की जानकारी के बाद अपने भोजन में नमक की मात्रा को कम किया।
भारतीय शरीर की जरुरत के मुकाबले सात गुना ज्यादा करते हैं नमक का सेवन
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