इस बार फिर रक्षाबंधन में राखी बांधने के समय को लेकर बहनों में संशय बना हुआ है क्योंकि हमेशा रक्षा बंधन के दौरान भद्रकाल का ध्यान रखा जाता है लेकिन इस बार भद्रकाल से ज्यादा चंद्र ग्रहण का डर है।
हिंदी अखबार नवभारत टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में प्रसिद्ध् ज्योतिषाचार्य कृष्णदत्त शर्मा के हवाले से लिखा है, ‘वर्तमान विक्रमी संवत में श्रावण की शुक्ल पूर्णिमा 7 अगस्त को सूर्योदय से पूर्व ही शुरु हो जाएगी और रात के 11 बजकर 41 मिनट तक रहेगी। इसके अलावा चंद्र ग्रहण के सूतक का समय दोपहर 1 बजकर 52 मिनट से शुरू हो जाएगा।’ इसलिए इस बार बहनों को चंद्रग्रहण लगने से पहले ही भाईयों को राखी बांधनी होगी।
ज्योतिष के मुताबिक भद्रकाल में राखी बांधना घातक होता है। ऐसे में भद्रकाल से पहले या उसके टलने के बाद ही राखी बांधी जाती है।