सुप्रीम कोर्ट ने अाज ‘NOTA’ पर तत्काल रोक लगाने से इनकार किया। इससे काँग्रेस को बड़ा झटका लगा हैं। कोर्ट ने गुजरात कांग्रेस की याचिका पर चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया। मामले की अगली सुनवाई 13 सितंबर को फिर होगी। इसके साथ ही कोर्ट ने नोटा को चुनौती दे रही कांग्रेस से पूछा कि चुनाव आयोग ने 2014 मे नोटीफिकेशन जारी किया था तब चुनौती क्यों नही दी।
वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने गुजरात कांग्रेस की ओर से जस्टिस दीपक मिश्रा की पीठ में अर्जेंट सुनवाई का आग्रह करते हुए कहा कि संविधान में ‘नोटा’ का गुजरात की 3 सीटों पर 8 अगस्त को होने वाले चुनावों में नोटा प्रयोग पर स्टे लगाने की कांग्रेस की अर्जी सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी है। इसका मतलब यह है कि राज्यसभा चुनाव के लिए वोटिंग नोटा के विकल्प के साथ ही होगी। इसलिए रास चुनाव के मतपत्र में इस तरह का कोई विकल्प नहीं रखा जा सकता।
गुजरात विधानसभा में कांग्रेस के मुख्य सचेतक शैलेष मनुभाई परमार ने अपनी याचिका में विधानसभा सचिव के 1 अगस्त के परिपत्र को रद करने की मांग की है। सचिव ने परिपत्र में कहा है कि रास चुनाव में ‘नोटा’ का विकल्प रहेगा।