दिल्ली: बीसीसीआई के आला अधिकारी अगर उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त लोढा समिति के सामने उसके फैसले पर अमल को लेकर बातचीत करने नहीं आते तो यह अदालत की अवमानना होगी ।
बीसीसीआई के कानूनी सलाहकार जस्टिस मार्कण्डेय काटजू ने कहा है कि समिति द्वारा नौ अगस्त को बीसीसीआई अधिकारियों को बातचीत के लिये पेश होने का फरमान जारी करना अमान्य है ।
लोढा समिति के करीबी सूत्रों ने कहा कि यदि बीसीसीआई इस बैठक से बचना चाहता है तो इसका एकमात्र तरीका पुनरीक्षण याचिका दायर करना और 18 जुलाई के न्यायालय के फैसले पर स्थगनादेश लाना है ।
सूत्र ने कहा ,‘‘ यदि वे जस्टिस काटजू की सलाह मानते हैं तो उन्हें उच्चतम न्यायालय में पुनरीक्षण याचिका दायर करनी होगी और नौ अगस्त को सुबह 11 बजे तक स्थगनादेश लाना होगा । यदि वे ऐसा नहीं कर सके और बैठक में भी नहीं आते हैं तो इसे अदालत की अवमानना माना जायेगा ।’’