जब पदक के लिए पसीना बहा रही थी सिंधु , तब लोग ढूंढ़ रहे थे जाति

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पीवी सिंधू

पीवी सिंधु जब शुक्रवार को स्पेन की कैरोलिना मारिन के खिलाफ जब अपना फाइनल मुकाबला खेल रही थीं, उसी वक्त करीब नौ लाख भारतीय देश में उनकी जाति ढूंढने में लगे थे।

14 अगस्त तक 21 साल की सिंधु की जाति जानने में लोगों को कुछ खास दिलचस्पी नहीं थी। चीन की आठवीं वरीयता प्राप्त खिलाड़ी ताई जू यिंग को प्री क्वॉर्टर फाइनल मुकाबले में हराया, उसके बाद से सिंधु की जाति जानने के लिए गूगल सर्च में बढ़ोतरी हो गई

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सेमीफाइनल मुकाबले में जापान की नोजोमी ओकोहुरा को हराया उसके बाद से सिंधु की जाति जानने के लिए गूगल सर्च में 10 गुना उछाल देखने को मिला। शुक्रवार को सिल्वर मेडल पक्का होते ही यह सर्च और भी बढ़ गया।

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सिंधु की जाति

यहां तक की शनिवार को भी भारत में गूगल सर्च में सिंधु की जाति टॉप पर ही रही। सिंधु की जाति जानने की उत्सुकता लोगों में इस कदर थी कि शुक्रवार को उनके फाइनल मुकाबले और इस खिलाड़ी के करियर से अधिक गूगल पर उनकी जाति ही पता की जाती रही।

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दिलचस्प बात है कि हैदराबाद की इस विलक्षण प्रतिभाशाली खिलाड़ी की जाति की सबसे अधिक खोज उनके गृह राज्य आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में ही हुई। बता दें कि ओलिंपिक में रजत पदक जीतने वाली सिंधु का जन्म और परवरिश हैदराबाद में हुई, वहीं उनकी मां विजयवाड़ा की रहने वाली हैं।