इरफान ने मंगलवार(21 फरवरी) को अपने संदेश में लिखा कि “2010 में मेरी पीठ में 5 फ्रैक्चर हुए। फिजियो ने मुझे कहा कि मैं शायद दोबारा कभी क्रिकेट नहीं खेल पाऊंगा। मुझे अपने सपने को छोड़ देना चाहिए। मैंने तब उनसे कहा था कि मैं कोई भी दर्द झेल सकता हूं, लेकिन अपने देश के लिए यह शानदार खेल छोड़ने का दर्द सहन नहीं कर सकता। मैंने कड़ी मेहनत की और भारतीय टीम में वापसी की।”
इरफान ने अपने फैंस के लगातार समर्थन के लिए शुक्रिया अदा करते हुए लिखा कि “मैंने अपने जीवन और करियर में कई बाधाओं का सामना किया है, लेकिन कभी हार नहीं मानी। यह मेरा कैरेक्टर है। मुझे ऐसा ही करना है और हमेशा यही करूंगा। अब मेरे सामने यह बाधा है। लेकिन मैं आप लोगों की दुआ और शुभकामनाओं से इसे पार कर लूंगा। मुझे अपने फैन्स से यही शेयर करना था जो मुझे अभी भी सपोर्ट कर रहे हैं।”
बता दें कि सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में इरफान ने अच्छा प्रदर्शन किया, उन्होंने कुल 17 की औसत से चार मैचों में 5 विकेट लिये थे। लेकिन जानकारों का कहना है कि उनके बार-बार चोटिल होने की वजह से किसी टीम ने उन पर बोली लगाने में दिलचस्पी नहीं दिखाई।