जनसंपर्क अधिकारी संजय घोष ने बताया कि उनके पास धोनी की इस यात्रा को लेकर पहले से सूचना थी, इसलिए उन्होंने वर्ल्ड कप विजेता कप्तान की सुरक्षा के मद्देनजर रांची और हावड़ा में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम कर रखे थे।
भारतीय टीम के लिए खेलन से पहले धोनी दक्षिण पूर्व रेलवे में ही सितंबर 2001 से जुलाई 2004 तक टीटीई के पद पर थे। धोनी के संघर्णपूर्ण जीवन का यह क्षण उन पर बनी बायोपिक फिल्म ‘एमएस धोनी’ में भी दिखाया गया है।
घोष ने कहा कि रेलवे भारत की लाइफलाइन है और देश का हर नागरिक कभी न कभी रेलवे से सफर करता है। यह धोनी की उदारता ही है कि उन्होंने फ्लाइट की जगह रेल को चुना। धोनी ने भारतीय टीम के सभी फॉर्मेट से कप्तानी छोड़ने के बाद अपने गृह राज्य झारखंड की कप्तानी के लिए चुना गया है। 25 फरवरी से विजय हजारे ट्रोफी के लिए झारखंड को सीरीज का अपना पहला वनडे मैच कर्नाटक से खेलना है।































































