प्यासी ही दौड़ी मैराथन खिलाड़ी, भारतीय स्टाफ था लापता, गिरने के बाद दो घंटे रहीं बेहोश

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मैराथन

रियो ओलंपिक 2016  में पिछले दो ओलंपिक से तुलना करें तो यह भारत का सबसे खराब प्रदर्शन था। इतना ही नहीं कुछ ऐसी घटनाएं भी हुईं जो भारत के लिए शर्मनाक बन गई। जनसत्ता डॉक कॉम के मुताबिक, महिला मैराथन के दौरान भारतीय खिला‍ड़ी पानी को तरस गई। रेस के दौरान भारतीय दल की डेस्‍क पर कोई भी व्‍यक्ति मौजूद नहीं था। इसके चलते भारतीय एथलीट ओपी जैशा और टुंगर कविता को पीने को पानी नहीं मिल पाया। इस प्रतियोगिता में जैशा 89 और कविता 120वें स्‍थान पर रहीं।

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मैराथन पूरी होने के बाद जैशा पानी की कमी के चलते गिर गई थी। इस बारे में उन्‍होंने बताया, ”मैराथन के दौरान प्रत्‍येक ढाई किलोमीटर पर बाकी सभी देशों के अधिकारी पानी और अन्‍य रिफ्रेशमेंट के साथ मौजूद थे। लेकिन भारत से कोई नहीं था। हमारी डेस्‍क खाली थी। वहां पर देश का नाम और झंडा लगा हुआ था। मुझे नहीं पता मैंने बिना पानी के दौड़ कैसे पूरी की। आयोजक केवल आठ किलोमीटर की दूरी पर ही पानी और स्‍पंज उपलब्‍ध कराते हैं। यह पानी केवल 500 मीटर ही चलता है। चिलचिलाती धूप में 30 किलोमीटर के बाद दौड़ना असंभव हो गया था।” आपको बता दें कि मैराथन में 42.195 किलोमीटर दौड़ना होता है।

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जैशा ने बताया कि अन्‍य देशों के खिलाडि़यों को ग्‍लूकोज और शहद जैसी लग्‍जरी चीजें मिल रही थी। वहीं उन्‍हें व कविता को पानी तक नहीं मिला। रेस पूरी होने के बाद वह गिर गर्इ। उन्‍हें 2-3 घंटे बाद होश आया। उन्‍हें सात बोतल ग्‍लूकोज की चढ़ाई गई। अंतरराष्‍ट्रीय एथलेटिक्‍स फैडरेशन के नियमों के अनुसार मैराथन के दौरान कोई भी देश आधिकारिकों स्‍टेशनों के अलावा चार जगहों पर चार अधिकारियों को पानी और रिफ्रेशमेंट के लिए नियुक्‍त कर सकता है। मैराथन में दौड़ने वाला किसी दूसरे एथलीट का सामान नहीं ले सकता है।

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