नरसिंह यादव नें चार साल का प्रतिबंध लगने के बाद कहा है कि उनके सपने को निर्दयता से छीन लिया गया लेकिन अपनी बेगुनाही साबित करने के लिए वह कुछ भी करेंगे।
लंबे संघर्ष के बाद रियो जाने का मौका हासिल करने के बाद मुकाबले से एक दिन पहले ही न सिर्फ उनको ओलंपिक में उतरने से रोक दिया गया बल्कि उन पर 4 साल का प्रतिबंध भी लगा दिया गया। इस बैन से नरसिंह ने रियो में उतरने का मौका खोने के साथ ही अगले ओलंपिक (टोकियो, 2020) में भी खेलने का मौका गंवा दिया।
डोपिंग के मामले में वाडा की अपील पर कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट (सीएएस) में चली सुनवाई के बाद नाडा के फैसले को खारिज करते हुए इस खेल पंचाट ने वाडा की आपत्ति को सही माना और नरसिंह पर चार साल के प्रतिबंध को हरी झंडी दे दी। यह प्रतिबंध वाडा की ओर से नरसिंह पर लगाया गया है।
इसके अलावा खेल पंचाट ने उन्हें 12 घंटे में खेल गांव में मिला कमरा और अपना कार्ड छोड़ने का आदेश दे दिया। सीएएस के फैसले के बाद नरसिंह काफी उदास हो गए हैं। उनका कहना है कि उनका सपना था कि वह रियो ओलंपिक में देश के लिए खेलें लेकिन अब सब कुछ उनसे छीन गया है। लेकिन उन्होंने दावा किया कि अपनी बेगुनाही साबित करने के लिए वह कुछ भी करेंगे।
खेल पंचाट के फैसले के बाद बेहद दुखी मन से नरसिंह ने कहा, “सीएएस के फैसले ने मेरा सबकुछ छीन लिया। मैं पिछले 2 महीने से मैट पर लगातार अभ्यास कर रहा था, लेकिन ओलंपिक में देश का गौरव बढ़ाने के लिए मेरा संघर्ष जाता रहा।”
उन्होंने कहा, ”मेरा सपना था कि मैं ओलंपिक पदक हासिल कर देश का मान बढ़ा सकूं, लेकिन मुझसे इस सपने को बड़ी ही निर्दयीता से छीन लिया गया।” नरसिंह का दावा है कि उन्हें साजिश कर फंसाया गया है। नरसिंह के स्पॉंसर्स जेएसडबल्यू की ओर से जारी किए गए अपने बयान में उन्होंने कहा, “अपने आप को निर्दोष साबित करने के लिए मैं कुछ भी करूंगा। मैं लगातार संघर्ष करता रहूंगा।” इस बयान का मतलब है कि पूरे सबूत के साथ इस फैसले के खिलाफ नरसिंह रिव्यू की अपील कर सकते हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि उनके विरोधियों ने उनके खाने-पीने में कुछ ‘मिलाया’ था। नरसिंह ने कहा कि वो इस फैसले से हार नहीं मानेंगे और अपनी बेगुनाही साबित करने के लिए किसी भी हद तक जाएंगे। उधर, भारतीय ओलंपिक एसोसिएशन (आईओए) का भी मानना है कि नरसिंह को उनके साथियों ने ‘हराया’ है।
आईओए के महासचिव राजीव मेहता ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया, ”नरसिंह पर यह प्रतिबंध सीएएस के जरिए लगाया गया है। इस पहलवान को उनके विरोधियों ने नहीं बल्कि उनके सहयोगियों ने हराया है।’
मेहता ने कहा,’ अभी तो साजिशकर्ता अपनी चाल में सफल हो गए हैं, लेकिन हम कोर्ट के आदेश को चुनौती देंगे। इस पूरे प्रकरण में देश का काफी नुकसान हुआ है। अगर थोड़ा पीछे जाकर इस मामले को देखेंगे तो मामला आइने की तरह पूरी तरह से साफ नजर आ जाएगा। साफ पता चलेगा कि किसने ये ‘खेल’ खेला है।”
नरसिंह यादव को शुक्रवार (19 अगस्त) को रियो ओलंपिक में पुरुष फ्रीस्टाइल कुश्ती के 74 किलोग्राम भार-वर्ग में हिस्सा लेना था। उन्होंने पिछले साल विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतकर रियो ओलंपिक का टिकट हासिल किया था। नरसिंह इससे पहले 2010 में दिल्ली राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीत चुके हैं। साथ ही वह साल 2014 के इंचियोन एशियाड में 74 किलो भारवर्ग में कांस्य पदक जीतने में सफल रहे थे।