नरसिंह मामले में भारतीय कुश्ती महासंघ ने साईं और नाडा के जूनियर अधिकारियों को ठहराया जिम्मेदार

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दिल्ली

भारतीय कुश्ती महासंघ ने आज नरसिंह यादव को कुश्ती में 4 साल के लिए लगा प्रतिबंध मामले में साई और नाडा के कुछ जूनियर अधिकारियों को जिम्मेदार बताया है। भारत के स्टार रेसलर नरसिंह यादव पर खेल पंचाट ने चार साल का प्रतिबंध लगा दिया है। जिसके कारण वह रियो ओलंपिक के 74 किग्रा फ्रीस्टाइल मुकाबले में हिस्सा नहीं ले पाये थे।

वाडा ने राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी के नरसिंह को क्लीन चिट देने के फैसले को चुनौती दी थी। जिसके बाद कैस ने अपना फैसला सुनाया। डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने कहा, ‘हमें रियो में केस की सुनवाई के दौरान कुछ बातें पता चली। जब विश्व संस्था ने नाडा से पूछा कि इतनी कम अवधि में नरसिंह का डोप परीक्षण क्यों किया गया तब नाडा ने खुलासा किया कि चार जुलाई को साई सोनीपत के जूनियर अधिकारी (रमेश) ने उन्हें लिखित शिकायत करके कहा कि सेंटर में कुछ खिलाड़ी प्रतिबंधित दवाईयां ले रहे हैं।’

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सिंह ने यहां पत्रकारों से कहा, ‘इस शिकायत के आधार पर फिर से डोप परीक्षण किया गया। जिन लोगों ने भोजन या पेय पदार्थ में प्रतिबंधित पदार्थ मिलाया था। वे सुनिश्चित नहीं थे कि उन्होंने 25 जून को पहले परीक्षण से पूर्व इसे सही तरह से अंजाम दिया या नहीं। इसलिए उन्होंने फिर से ऐसा किया और चार जुलाई को नाडा टीम को फिर से परीक्षण करने के लिये शिकायती पत्र भेज दिया।’ नरसिंह के मूत्र का नमूना 25 जून को लिया गया जिसमें प्रतिबंधित पदार्थ पाया गया। इसके बाद पांच जुलाई को लिये गये नमूने भी उनका परीक्षण पॉजीटिव पाया गया।

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