छत्तीसगढ़ में पुलिस कर्मियों ने जलाए नेताओं के पुतले, जाने क्यों?

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कोंडगांव एसपी संतोष सिंह ने कहा कि पुलिस पर आरोपों से कांस्‍टेबल काफी गुस्‍सा हैं। उन्‍होंने बताया, ”वे गुस्‍सा है क्‍योंकि वे हर रोज नक्‍सलियों से लड़ने में अपनी जान जोखिम में डालते हैं। लेकिन सभी तरह के सवालों के जवाब उन्‍हें देने होते हैं। प्रदर्शन करने वाले सहायक आरक्षक हैं। उन्‍हें लगता है कि सबसे ज्‍यादा निशाना उन्‍हें ही बनाया जाता है। यहां तक कि सीबीआई रिपोर्ट में भी उनका नाम है।”

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दिल्‍ली यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर और कार्यकर्ता नंदिनी सुंदर ने बताया कि इससे साफ होता है कि राज्‍य की पुलिस किसी एजेंसी या कोर्ट का सम्‍मान नहीं करती। उन्‍होंने कहा, ”इस तरह के वाकये मुझे मनीष कुंजम जैसे लोगों की सुरक्षा को लेकर डराते हैं। मनीष बिना रूके बस्‍तर के लोगों के लिए काम कर रहे हैं। उन्‍हें सुरक्षा देने का आदेश सुप्रीम कोर्ट ने दे रखा है लेकिन उनके गनमैन के पास बंदूक ही नहीं है। यह काफी खतरनाक है। ”

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