बता दें कि पिछले साल 9 फरवरी को देशविरोधी नारे लगाने के आरोपी और राजद्रोह का मामला झेल रहे उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य DSU के पूर्व कार्यकर्ता रहे हैं। हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया से महापात्रा ने कहा, ‘हमारे सिक्यॉरिटी स्टाफ ने यह पोस्टर हटाने की कोशिश की थी लेकिन नहीं हटा सके। हम लोग एकबार फिर इन्हें हटाने की कोशिश करेंगे।’ उन्होंने कहा कि इस मामले पर जांच चल रही है और इस बारे में DSU से बात की जा रही है। JNUSU के पूर्व जॉइंट सेक्रटरी और ABVP के सौरभ शर्मा ने कहा, ‘प्रशासन ने इन पोस्टर के मामले पर कोई भी ऐक्शन लेने से इनकार कर दिया है। प्रशासन की इस तरह की पॉलिसी के कारण ही 9 फरवरी जैसी घटनाएं होती हैं।’
हालांकि, JNUSU के अध्यक्ष मोहित पाण्डेय ने कहा, ‘JNU में पूरी तरह से अभिव्यक्ति की आजादी है और कोई भी अपने पोस्टर कहीं भी लगा सकता है।’ पाण्डेय भी इस मुद्दे को उठाए जाने की टाइमिंग पर सवाल उठा रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘यह पोस्टर काफी समय से यहां पर लगा हुआ है लेकिन अभी यह मुद्दा इसलिए उठाया गया है ताकि लोगों का ध्यान UGC के नोटिफिकेशन से ध्यान हटाने के लिए उठाया गया है, जिसका हम विरोध कर रहे हैं।’