वोटिंग से पहले सदन के सभी दरवाजे बंद करवा दिए गए। सदन की कार्यवाही का लाइव टेलिकास्ट भी नहीं किया गया। यहां तक कि सदन में मौजूद पत्रकार भी कार्यवाही के अपडेट्स न देख पाए और न सुन पाए। प्रेस ब्रीफिंग रूम में लगे स्पीकर बंद कर दिए गए। यहां तक कि स्क्रीन पर भी रुक-रुक कर फीड्स दिखाए गए।
बता दें कि पन्नीरसेल्वम खेमे, कांग्रेस, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) और डीएमके ने सीक्रेट वोटिंग की मांग की थी। हालांकि, स्पीकर ने इस डिमांड को खारिज कर दिया। बता दें कि पन्नीरसेल्वम खेमे का आरोप था कि विधायकों को जबरन पलनिसामी के समर्थन में खड़ा किया गया। वहीं, स्टालिन और पन्नीरसेल्वम, दोनों ने विश्वास मत प्रक्रिया टालने की मांग की। स्टालिन ने कहा कि जब गवर्नर ने 15 दिन का वक्त दिया है तो इतनी जल्दी क्या है। वहीं, पन्नीरसेल्वम ने कहा कि विधायकों को जनता से मिलने का वक्त देना चाहिए। इसके बाद ही विश्वास मत प्रस्ताव पर वोटिंग होनी चाहिए। वहीं, स्पीकर पी धनपाल ने कहा कि वोटिंग कैसी होनी है, इस बात को लेकर मेरे फैसले में कोई दखल नहीं दे सकता।