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पीड़ित महिला की 15 वर्ष की उम्र में शादी कर दी गई थी। पीड़िता की शादी वर्ष 2006 में हुई और वर्ष 2014 अक्टूबर में उसके शौहर ने तलाक दे दिया। शादी के तकरीबन आठ साल बाद पीड़िता को उसके पति ने तीन बार तलाक कहकर खुद से अलग कर दिया। इस बीच पीड़िता ने एक बच्ची को भी जन्म दिया, लेकिन उसका आरोप है कि पति की प्रताड़ना के कारण तीन महीने की मासूम ने दम तोड़ दिया। पीड़िता ने बताया कि तलाक के बाद उसके शौहर ने फिर से साथ रहने के लिए उसका हलाला भी कराया और दोस्त के हवाले कर दिया। तीन महीने बाद जब वह पति के पास पहुंची तो उसे स्वीकार करने के बजाय पति ने वेश्यावृत्ति में धकेल दिया। फिलहाल महिला मायके वालों के भी ठुकराने के बाद अकेली रह रही है और सिलाई कर अपना और एक माह के बच्चे का जीवन यापन कर रही है। महिला दस माह से परिवार से अलग रह रही है।
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