खबरों के मुताबिक़ ऐप्पल की ओर से भारत सरकार को एक चिट्ठी भेजी गई और उसके बाद व्यापार मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने कंपनी के अधिकारियों के साथ एक बैठक की। रिपोर्ट में एक सरकारी अधिकारी को यह कहते बताया गया है कि भारत में प्रोडक्ट्स मैन्युफैक्चर करने के लिए एप्पल सरकार की तरफ से वित्तीय प्रोत्साहन चाहती है। लेकिन, ऐप्पल ने इस मसले पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। संभावना जताई जा रही है कि कंपनी भारत में उत्पादन शुरू करने के बाद यहां अपने स्टोर खोलेगी। खास तौर पर आईफोन के लिए, जिसकी बिक्री अब भी भारत में ज्यादा नहीं होती। शर्तें मानना मुश्किल इससे पहले जनवरी में एेपल ने कथित तौर पर भारत में स्टोर खोलने के लिए सरकार से अनुमति मांगी थी। जून में भारत सरकार ने कई औद्योगिक क्षेत्रों में विदेशी निवेश के नियमों में ढील दी थी।
लोकल मैन्युफैक्चरिंग के फायदे – आईफोन, आईपैड पर 28.85 फीसदी आयात शुल्क लगता है। भारत में मैन्युफैक्चरिंग होने पर यह शुल्क नहीं लगेगा। आईफोन एस7 फोन 23 हजार तक सस्ता हो जाएगा और आईफोन 6एस प्लस के दाम 20 हजार तक कम हो जाएंगे।































































