बर्लिन: बर्लिन के टेक्निशिया यूनिवर्सिटी के डॉक्टर्स और साइकोलॉजिस्ट्स की एक टीम ने कुछ दिनों पहले एक अजीब घोषणा की ।इस टीम ने बताया कि मौत के बाद भी जीवन का अस्तिस्तव होता- बस उसका स्वरूप बदल जाता है। इस टीम का दावा है कि उन्होने इस बात को क्लिनिकली प्रूव किया है। ये स्टडी उन लोगों पर की गई जो अस्पताल नें भर्ती थे और जिनकी मौत करीब थी। उन लोगों पर स्टडी पर की गई जो मौत के करीब बीस मिनट बाद जी उठे थे.
टीम ने करीब चार साल तक 944 लोगों पर स्टडी किया। इन लोगों को ऐसी दवाएं दी गई जो मौत के बाद शरीर को सुरक्षित रखती हैं।परीक्षण के दौरान मरीज के क्लिनिकली मौत के बाद, उनके शरीर में उनकी ही खून से तैयार की गई एक खास तरह से दवा इंजेक्ट की गई। साथ ही मरीज के शरीर पर कॉडियोपल्मोनरी रेसिटेशन मशीन का भी इस्तेमाल किया।मेडिकल जगत ने इस मशीन को अभी हाल ही में मंजूरी दी है। परीक्षण के पश्चात इस टीम ने पाया इस प्रॉसेस के तहत 18 से 20 मिनट के अंदर पुनर्जीवित हुए मरीजों को अपनी मौत की याद ताजा रहती है। लगभग सभी मरीजों ने क्लिनिकली डेथ से लेकर पुनर्जीवित होने तक की लगभग एक ही कहानी बताई।
इस टीम के हेड डॉक्टर बर्थोल्ड ऑकरमैन ने बताया कि उन्होने ये परीक्षण विभिन्न धर्मों के लोगों पर किया, बावजूद इसके मौत के बाद की सभी की कहानी एक ही थी।डॉक्टर ऑकरमैन ने बताया कि इस मुद्दे पर पहले भी काम हो चुका है लेकिन इतने सटीक रिजल्ट अभी तक नहीं मिले थे।