जो काम आज तक नहीं किया वो अब करेंगे अखिलेश, पढ़िए क्या करने वाले हैं

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पिछले 5 सालों में नोएडा में कई बड़े कार्यक्रम हुए। प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के दौरे भी हुए, पर प्रोटोकॉल को नजरअंदाज करते हुए अखिलेश एक बार भी अगवानी के लिए यहां नहीं पहुंचे। नोएडा से शुरू हुई कई योजनाओं का उद्घाटन उन्होंने लखनऊ से ही किया। बताया जाता है कि नोएडा आकर सत्ता गंवाने से जुड़ा यह अंधविश्वास 80 से दशक के आखिर में शुरू हुआ था। 1989 में नोएडा जाने वाले एनडी तिवारी सत्ता से बाहर हो गए थे। 1995 और 1999 में कल्याण सिंह पर भी नोएडा का दौरा भारी पड़ा था। मुलायम ने भी नोएडा दौरे के बाद सीएम की कुर्सी गंवा दी थी। 2009 और 2011 में सीएम रहते नोएडा आने वाली मायावती भी 2012 में सत्ता में वापसी नहीं कर पाई थीं।

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बहरहाल, नोएडा विधानसभा सीट पर राजनाथ सिंह के बेटे पंकज सिंह के चुनाव मैदान में उतरने के बाद एसपी का फोकस इस सीट पर बढ़ गया है। समाजवादी पार्टी बीजेपी में उपजी कलह का फायदा उठाने के लिए नाराज वोटरों को अपने पक्ष में करने की पूरी ताकत लगा रही है। ज्यादातर कार्यकर्ताओं की इच्छा है कि अखिलेश यादव चुनावी सभा करने नोएडा आएं, उधर बिहार और पूर्वांचल से जुड़े वोटरों को रिझाने के लिए पार्टी लालू यादव की जनसभा चाहती है।

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