राजनीतिक जानकारों का मानना है कि जिस गुट को भी यह पुराना सिंबल मिलेगा, वह समाजवादी पार्टी के कोर वोटरों को आसानी से लुभा सकेगा। कांग्रेस का मानना है कि विकास के अजेंडे से अखिलेश ने एसपी के ज्यादातर नेताओं और कार्यकर्ताओं को अपने पाले में किया है, लेकिन साइकल यदि मुलायम सिंह के पास चली जाती है तो वह उन्हें बड़ा नुकसान पहुंचा सकते हैं।
यदि चुनाव आयोग की ओर से साइकल चुनाव चिह्न को फ्रीज करने का फैसला लिया जाता है तो इससे मुलायम सिंह यादव अपने कोर वोट बैंक को मजबूत नहीं रख सकेंगे। खासतौर पर यादव, अन्य पिछड़ी जातियां और मुस्लिम वोटरों को वह पहले की तरह अपने साथ नहीं बनाए रख सकेंगे। यूपी इलेक्शन में सम्मानजक प्रदर्शन के लिए कांग्रेस पार्टी अखिलेश यादव गुट के साथ गठजोड़ कर फायदा उठाने की कोशिश में है।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर ने रविवार को कहा कि उनकी पार्टी सूबे की सभी 403 सीटों पर उम्मीदवार उतारने की तैयारी में जुटी है। राजब्बर ने लखनऊ में कहा, ‘हम सभी सीटों पर प्रत्याशियों के चयन की प्रक्रिया में जुटे हैं।’ उन्होंने कहा कि सभी प्रत्याशियों के नामों की सिफारिश सोमवार को आलाकमान के समक्ष की जाएगी। राज बब्बर समाजवादी पार्टी के साथ किसी भी गठजोड़ के खिलाफ रहे हैं, जबकि वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद गठबंधन की कोशिशों में जुटे हैं।