समाजवादी कुनबे में चल रही वर्चस्व की लड़ाई दिलचस्प मोड़ पर आ खड़ी हुई है। चुनाव सिर पर हैं और दोनों ही खेमे साइकल चुनाव चिह्न पर अपना हक जता रहे हैं। इसका असर चुनाव पर पड़ना तय है। जिसे देखो वो सपा की ही बात कर रहा है। अगर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को समाजवादी पार्टी का मुलायम खेमा साइकल चिह्न के साथ चुनाव में अपने उम्मीदवार उतारने से रोकता है, तो उससे निपटने के लिए अखिलेश का ‘प्लान बी’ भी तैयार है। इस प्लान के तहत ‘साइकल’ छिनने की स्थिति में अखिलेश यादव ‘पेड़’ की छांव में जा सकते हैं।
माना जा रहा है कि अखिलेश अपने ‘प्लान बी’ के सहारे मुलायम खेमे को एक और पटखनी दे सकते हैं और इसमें उनकी मदद करेगी पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर की पार्टी समाजवादी जनता पार्टी (राष्ट्रीय) (SJP-R)। अगर चुनाव आयोग साइकल चुनाव चिह्न को जब्त कर लेता है तो SJP-R अखिलेश के लिए संकटमोचक का काम करेगी। पार्टी के मुखिया कमल मोरार्का ने अखिलेश से इस सिलसिले में बात की है और उन्हें अपनी पार्टी के चुनाव चिह्न (पेड़) पर चुनाव लड़ने का ऑफर दिया है।
अखिलेश खेमे के एक बड़े नेता ने इस बात की पुष्टि करते हुए बताया, ‘हमने सुना है कि कमल मोरार्का ने अखिलेश यादव से बात की है। हमें उम्मीद है कि चुनाव आयोग हमारे पक्ष में फैसला देगा क्योंकि कार्यकारिणी के ज्यादातर सदस्य और चुने हुए प्रतिनिधि हमारे सम्मेलन में मौजूद थे।’ उन्होंने जोर देकर कहा कि अखिलेश को समाजवादी पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष तय नियमों के मुताबिक ही चुना गया है।