समाजवादी कुनबे में मचा घमासान के बीच पार्टी दो गुटों में बंट गई है। अखिलेश खेमा इस पूरी रार की जड़ के रूप में अमर सिंह को देखता है। इस मसले पर अमर सिंह शुक्रवार को उस वक्त भावुक हो गए जब उनसे यह पूछा गया कि अखिलेश यादव अपने पिता से सुलह के लिए उनको पार्टी से निकालने पर अड़े हैं।
उन्होंने भावुक होते हुए कहा, ‘अखिलेश चार साल के थे…उनकी शिक्षा…उनकी निजी जिंदगी को संवारने में हमारा भी योगदान है। वह आज जो मेरे बारे में बोल रहे हैं, उससे मैं दुखी हूं।’
बते दें कि गुरूवार से अखिलेश और मुलायम के बीच सुलह के लिए लगातार कोशिशे की गई। अमर सिंह गुरुवार को मुलायम सिंह के साथ लखनऊ पहुंचे। रिपोर्टों के अनुसार सुलह के प्रयासों के बीच अखिलेश यादव पिता को एयरपोर्ट रिसीव करने जाने वाले थे लेकिन जैसे ही उनको पता चला कि साथ में अमर सिंह हैं तो उन्होंने एयरपोर्ट जाने का विचार त्याग दिया।
अमर सिंह ने कहा, ‘मैं लखनऊ कोई अवरोध उत्पन्न करने नहीं आया। मैं चाहता हूं कि मुलायम सिंह का सम्मान हो और अखिलेश सफल हों।’ उन्होंने मौजूदा चाचा-भतीजे और पिता-पुत्र के बीच झगड़े के लिए रामगोपाल यादव को जिम्मेदार ठहराया। इसके साथ ही अमर सिंह ने कहा, ‘आदमी अपनों से ही दुखी होता है, बाहरी लोगों से नहीं। ऐसे में अपने लोगों से लड़ना बहुत मुश्किल होता है…अखिलेश आज उन्हीं शिवपाल यादव का विरोध कर रहे हैं जिसके घर में वह बड़े हुए हैं। मुलायम सिंह यादव ने कभी नहीं सोचा था कि वह एक दिन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री होंगे। जीवन में ऐसा ही होता है…’