जानिए यूपी के सीएम योगी की नाथ परम्परा क्यों है खास

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महंतों का इतिहास

इस मंदिर में महंत की उपाधि उसे एको मिलती है जो गुरू गोरखनाथ का प्रतिनिधि होता है, या जिसका चयन खुद गुरू करते हैं। इस मंदिर के प्रथम महंत श्री वरद्नाथ जी महाराज कहे जाते हैं, जो गुरु गोरखनाथ जी के शिष्य थे। तत्पश्चात परमेश्वर नाथ एवं गोरखनाथ मंदिर का जीर्णोद्धार करने वालों में प्रमुख बुद्ध नाथ जी (1708-1723 ई), बाबा रामचंद्र नाथ जी, महंत पियार नाथ जी, बाबा बालक नाथ जी, योगी मनसा नाथ जी, संतोष नाथ जी महाराज, मेहर नाथ जी महाराज, दिलावर नाथ जी, बाबा सुन्दर नाथ जी, सिद्ध पुरुष योगिराज गंभीर नाथ जी, बाबा ब्रह्म नाथ जी महाराज, ब्रह्मलीन महंत श्री दिग्विजय नाथ जी महाराज, क्रमानुसार वर्तमान समय में महंत श्री अवैद्यनाथ जी महाराज गोरक्ष पीठाधीश्वर के पद पर आसीन थे। 15 फरवरी 1994 को गोरक्ष पीठाधीश्वर महंत अवेद्यनाथ जी महाराज द्वारा योगी आदित्यनाथ जी को यहां का महंत घोषित किया गया

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