गांव के लोगों ने बताया कि 4000 निवासियों के गांव में सिर्फ 500 हिंदू हैं। मंदिर 400 साल पुराना है। 2007 में जब से मंदिर से लाउडस्पीकर हटाए गए थे, हमने इन्हें मंदिर के अंदर लगाना शुरू कर दिया था। दूसरे समुदाय के लोग तो अपने प्रर्थनास्थल पर हर रोज लाउडस्पीकर लगाते हैं। सैनी ने कहा कि एसपी और बीएसपी सरकारों के समय हमारी आवाज दबाई गई। हम लाउडस्पीकर लगाने के लिए बीजेपी के सत्ता में आने का इंतजार कर रहे थे। हमने हिंदू युवा वाहिनी से लाउडस्पीकर लगवाने का आग्रह किया था। अगर हम बीजेपी सरकार के रहते हुए भी यह नहीं कर सकते तो फिर इस गांव में रहने का मतलब ही क्या है। वहीं, मंदिर समिति के अध्यक्ष दयाराम सैनी ने कहा, अधिकारियों ने हमें बताया है कि हम त्योहारों के दौरान ही लाउडस्पीकरों का उपयोग कर सकते हैं। हमने मना कर दिया है। हम रोज आरती के समय लाउडस्पीकर लगाएंगे।