– लगातार 1996 से विधायक का चुनाव जीत रहे हैं
– अभी पडरौना से विधायक हैं
– विधानसभा में विपक्ष के नेता रहे हैं
– राज्य में कई मंत्रालय संभाल चुके हैं
– यूपी में मौर्य समाज के सबसे बड़े नेता माने जाते हैं
राजनीतिक हैसियत देखने के बाद अब आप समझ गए होंगे की य़ूपी में इनके पीछे कितनी बड़ी फौज होगी। और समर्थकों की यही फौज अब मौर्य के लिए बीजेपी में मुश्किलें खड़ी कर रही है।बीजेपी मौर्य के कितने समर्थकों को उम्मीदवार बनाएगी ये तो नहीं पता। लेकिन स्वामी प्रसाद मौर्य की बातों से लगता यही है कि ज्यादा दाल गलने वाली नहीं है। शायद इसीलिए नाराजगी की बात से इनकार कर रहे हैं और मीडिया को ही दोषी बता रहे हैं।स्वामी प्रसाद मौर्य अपने समर्थकों के साथ ही बेटा-बेटी का भी टिकट चाह रहे हैं। बीएसपी छोड़ने के बाद मायावती ने इसी का आरोप भी लगाया था। हो सकता है बेटा-बेटी के नाम पर बीजेपी भी राजी नहीं हो रही हो और मौर्य का मन इसीलिए यहां नहीं लग रहा हो।