वहीं दूसरी और बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने ऐलान किया है कि उनकी पार्टी इन चुनावों में बिना घोषणा पत्र के उतरेगी। बीजेपी के घोषणा पत्र पर अपनी टिप्पणी देते वक्त मायावती ने कहा था कि आजादी के बाद सरकारों ने एक से बढ़कर एक घोषणापत्र जारी किए, लेकिन सत्ता में आने के बाद इन घोषणाओं को रद्दी की टोकरी में डाल दिया जाता है। इन्हीं कारणों से जनता में विश्वास खत्म हो जाता है। इस बात को ध्यान में रखते हुए बसपा कोई घोषणापत्र जारी नहीं करेगी।
मायावती ने कहा था कि बीएसपी लोक कल्याण कार्यों में भागीदारी बढ़ाते हुए आगे बढ़ेगी। बीएसपी ने लोगों का विश्वास जीतने का काम किया है। बीएसपी अपनी नीति पर कायम रहते हुए चुनाव लड़ेगी। समाज के विभिन्न वर्गों में बीएसपी की अच्छी पकड़ है। बीएसपी कोई जातिवादी पार्टी नहीं है वो सबको साथ लेकर चलेगी। चुनावी रैली में सभी मुद्दों को जनता के सामने रखा जायेगा।