ख़बर है कि इस साल जुलाई में बांग्लादेश की राजधानी ढाका में हुए आतंकी हमले में इस्तेमाल किए गए हथियारों को भारत के बिहार में मॉडिफाई किया गया था। बता दें कि ढाका हमले में एक भारतीय समेत 20 लोग मारे गए थे। बांग्लादेशी अखबार ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के दावे के अनुसार इन हथियारों को आम की टोकरी में छिपाकर बिहार से बांग्लादेश पहुंचाया गया था। बांग्लादेश के काउंटर टेररिज्म एंड ट्रांसनेशनल क्राइम प्रमुख मोनिरुल इस्लाम ने अखबार से कहा, “हमें पता चला है कि भारत के बिहार राज्य के मुंगेर में इन हथियारों का मॉडिफिकेशन किया गया था और उन्हें वहां से चपैनवाबगंज लाया गया।” इस्लाम ने अखबार से बताया, ” गुलशन आतंकी हमले के बाद बरामद तीन एके-22 राइफलों पर बिहार की फैक्ट्री की मुहर लगी हुई थी।”
रिपोर्ट के अनुसार ढाका के गुलशन इलाके के होली आर्टिसन बेकरी पर हुए हमले से करीब एक महीने पहले एके-22 राइफलें और अन्य हथियार आतंकियों के पास ढाका पहुंचे थे। अखबार के अनुसार इनमें से तीन एके-22 राइफलों का इस्तेमाल ढाका हमले में किया गया, जबकि बाकी का इस्तेमाल नए ‘जमातुल मुजाहिद्दीन बांग्लादेश’ (जेएमबी) के प्रमुख तमीम अहमद चौधरी की सुरक्षा में किया गया था। चौधरी अगस्त में सुरक्षा बलों के साथ हुई मुठभेड़ में मारा गया था। इस्लाम ने अखबार से कहा, “आखिरकार हमें एके-22 की आपूर्ति के स्रोत का पता चल गया है और हम इस गुट की प्राथमिक पहचान भी कर ली है। अब इस गुट के सदस्यों की गिरफ्तारी का अभियान चलाया जा रहा है।”
रिपोर्ट के अनुसार जेएमबी के सदस्य नुरूल इस्लाम मरजान ने ढाका में तस्करी से आए हथियारों का हासिल किया और उन्हें बसुंधरा रेजिडेंशियल एरिया स्थित आतंकी ठिकाने तक पहुंचाया। मोनिरुल इस्लाम ने बताया, “उस समय ढेर सारे आम टोकरियों में रखकर चैपनवाबगंज से ढाका लाए गए थे और आतंकियों ने इनका इस्तेमाल खुफिया एजेंसियों को चकमा देने के लिए किया।” ढाका हमले की जिम्मेदारी आतकंवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) ने ली थी लेकिन बांग्लादेश पुलिस के अनुसार ये हमला आईएस के करीबी जेएमबी ने किया था।