उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तानी सेना द्वारा अपनी जमीन पर सक्रिय आतंकवादी समूहों के खिलाफ कार्रवाई करने से उनमें से कई आतंकवादी नेटवर्क अफगानिस्तान की सीमा में घुस आए हैं। ये आतंकी नेटवर्क हमारे लिए खतरा हैं।’ पाकिस्तान द्वारा आतंकियों को शरण देने के अपने पुराने आरोपों की ही लाइन में राष्ट्रपति गनी ने कहा, ‘तालिबान मूवमेंट से जुड़े एक प्रमुख शख्स काकाजादा ने हाल ही में कहा कि अगर उनके पास पाकिस्तान में एक सुरक्षित पनाह नहीं होता, तो वे एक महीने भी नहीं टिक पाते।’ गनी ने कहा, ‘हम आरोप नहीं लगाना चाहते, लेकिन हम खासतौर पर अपने पड़ोसी पाकिस्तान से यह कहना चाहते हैं कि वह जांच करे कि उसकी जमीन का इस्तेमाल सरहद पार आतंकवाद निर्यात करने के लिए होता है या नहीं।’
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