रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान सरकार द्वारा अपनी जमीन पर स्थित और सक्रिय आतंकवादी समूहों को समर्थन देने पर अमेरिका ने पाकिस्तान के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। इन आतंकी समूहों में वे गुट भी शामिल हैं जो कि भारत के खिलाफ आतंकवादी वारदातों को अंजाम देते हैं। रिपोर्ट में कहा गया है, ‘पाकिस्तानी अधिकारियों ने निजी तौर पर यह बात कही है कि जैश-ए-मुहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे स्थानीय आतंकवादी संगठन बेहद ताकतवर हैं और पाकिस्तानी सेना उन्हें चुनौती नहीं दे सकती है। अमेरिका को चाहिए कि वह पाकिस्तान की जमीन पर सक्रिय आतंकवादी संगठनों की गतिविधियों के लिए वहां की सरकार को जिम्मेदार माने।’
रिपोर्ट में ट्रंप प्रशासन को भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ने की स्थिति से निपटने के लिए भी तैयार रहने को कहा गया है। साथ ही, अगर भारत और पाक के बीच अगर सैन्य युद्ध की स्थिति पैदा होता है, तो उन हालातों में अमेरिका किस तरह बीच-बचाव करेगा, इसके लिए भी ट्रंप प्रशासन को तैयार रहने की हिदायत दी गई है। विशेषज्ञों ने कहा है कि अमेरिकन अधिकारियों को भारत और पाकिस्तान के बीच संतुलन बनाने की अपनी आदत छोड़कर आतंकवाद को समर्थन देने के एवज में पाकिस्तान पर स्पष्ट जिम्मेदारियां तय करनी चाहिए।