अगर नहीं सुधर रहा भारत तो बंद हो भारतीयों को वीजा: अमेरिकी सीनेट

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अमेरिकी सीनेट के न्यायिक समिति के अध्यझ चक ग्रैसले ने ओबामा प्रशासन से कहा कि,वह भारत और चीन सहित 23 देशों के नागरिकों को प्रवासी और अप्रवासी वीजा देना बन्द कर दे। उन्होंने आरोप लगाया कि ये सभी देश अमेरिका से अवैध प्रवासियों को वापस लेने के मामले में सहयोगात्मक रुख नहीं दिखाते हैं। रिपब्लिकन सीनेटर चक ग्रैसले ने अमेरका के गृह सुरक्षा मंत्री जे. जॉनसन को एक पत्र लिख कर कहा कि, हत्यारों समेत खतरनाक अपराधियों को हर दिन छोड़ा जा रहा है क्योंकि उनके अपने देश उन्हें वापस लेने में सहयोग नहीं कर रहें हैं। ग्रैसले ने कहा कि वित्त वर्ष 2015 में ही, इन हठी देशों के फैसले और असहयोग के कारण यहां 2,166 लोगों को छोड़ा गया था। पिछले दो साल में 6,100 से ज्यादा लोग छोड़े गए। ग्रैसले के अनुसार,अमेरिका ने 23 देशों को असहयोगी करार दिया हुआ है। जिसमें शीर्ष के पांच हठी देश हैं-क्यूबा, चीन, सोमालिया, भारत और घाना। इसके अलावा अमेरिका का प्रवासी एवं आबकारी प्रवर्तन विभाग उन अन्य 62 देशों का निरीक्षण कर रहा है, जहां से सहयोग में दिक्कतें तो आ रही हैं।लेकिन उनकों अभी तक उन्हें असहयोगी करार नहीं दिया गया है। ग्रैसले ने जॉनसन को यह भी याद दिलाया कि, कांग्रेस ने इस समस्या का निपटारा आव्रजन एवं राष्ट्रीयता अधिनियम की धारा 243 (डी) को लागू कर किया था।
इस धारा के तहत विदेश मंत्री को किसी देश को आपसे यह नोटिस मिलने के बाद प्रवासी या अप्रवासी वीजा देना बंद करना होता है कि अमुक देश ने किसी नागरिक या निवासी को स्वीकार करने से इंकार कर दिया है या फिर वह उसे स्वीकार करने में बेवजह देरी कर रहा है। ग्रैसले ने बताया कि इसका इस्तेमाल एक बार साल 2001 में गुआना के मामले में किया जा चुका है। वहां इसका तत्काल प्रभाव हुआ था। जिसके बाद इसका नतीजा दो माह के भीतर गुआना से सहयोग के रूप में सामने आया था।

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