बगदादी के लिए ये डैम सबसे आसान और सबसे खौफनाक हथियार है। इस डैम में 11।1 क्यूबिक किलोमीटर पानी है। गणित के इस अंक से बेशक इसकी ताकत का अंदाजा न मिल सके, लेकिन ये डैम तबाह हो जाए तो धरती के नक्शे में इराक की आधी जमीन गायब हो जाएगी। यहां इतना पानी कैद है कि अगर लंदन की टेम्स नदीं सूख जाए तो उसे छह सौ बार भरा जा सकता है। अगर ये पानी यहां से निकलकर बाहर चला जाए तो उसकी लहरों की ऊंचाई 45 फुट से भी ज्यादा हो सकती है। यानी सूनामी की खौफनाक लहरें भी उसके सामने बौंनी हो जाएंगी। अगर इस पानी की हदों को बारूद से बर्बाद किया गया तो दुनिया शायद हिरोसिमा और नागासाकी की बर्बादी भूल जाए।
साफ है कि इस सबके लिए बगदादी को चाहिए सिर्फ एक सफल हमला। बात ये भी है कि ये डैम जिस जमीन पर बसा है वो ऊंची दीवारों को थामे रखने की बहुत ज्यादा ताकत नहीं रखता है। बगदादी की चार सालों की बादशाहत के दौरान डैम के सुधार के कामों पर भी ताला लगा रहा। जाहिर है कि पानी ने उन चार सालों में पहले ही अंदर इसे खोखला कर दिया होगा। अब इराक के पास एक साथ डबल चैलेंज है। एक इसके रख रखाव को युद्ध स्तर पर शुरू करना। दूसरा बगदादी की चाल को नाकाम करने की लिए पूरी तरह तैयार रहना। क्योंकि वो जानते हैं कि ये डैम नहीं इराक की जिंदगी की डोर है।