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अखबार ने लिखा है कि नोटबंदी के बाद से देश की 86 फीसदी करंसी अवैध हो गई थी जिसके बाद नकदी का अभूतपूर्व संकट देखने को मिला था। नई दिल्ली ने पुरानी करंसी की जगह पर नए 2,000 रुपए और 500 रुपए के नोट जारी किए थे। टाइम्स ने डिजिटल लेन-देन की तरफ जाने की अपीलों के बीच भारतीयों को रही समस्या पर भी बात रखी है। अखबार ने लिखा, ”बिना आधारभूत संरचना तैयार किए भारत कैसे रातोंरात कैश आधारित अर्थव्यवस्था से डिजिटल अर्थव्यवस्था में बदल सकता है?”
अखबार ने कहा कि नोटबंदी से सिर्फ भ्रष्टाचार बढ़ा है। उसने लिखा, ”यह पूरी कवायद बिना किसी तर्क या समझ के चलाई गई।” भारतीय पत्रकार बरखा दत्त ने वॉशिंगटन पोस्ट में लिखे एक लेख में भी कुछ ऐसी ही बात कही थी। उन्होंने लिखा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत को 1970 के दशक में पहुंचा दिया है।
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