दिल्ली
अमेरिका की एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि वीजा शुल्क में हाल ही में अत्यधिक बढ़ोतरी के बावजूद अमेरिकी सरकार द्वारा भारतीय पेशेवरों को जारी किये जाने वाले वीजा की संख्या में कोई कमी नहीं आई है।
वाणिज्य दूतावास संबंधी मामलों की सहायक विदेश मंत्री मिशेल बांड ने यह भी कहा कि जारी किये गये छात्र वीजा की संख्या के मामले में हैदराबाद का वाणिज्य दूतावास पांचवें स्थान पर आता है।
उन्होंने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘हम एच1बी और एल1 वीजा के लिए अधिक वीजा शुल्क को लेकर भारतीय कंपनियों की चिंताओं को समझते हैं। जैसा कि हम पहले कह चुके हैं कि ये शुल्क भारत को लक्ष्य बनाकर नहीं बढ़ाया गया है और इस लिहाज से गौरतलब है कि शुल्क में बदलाव के बाद से हमें एच1बी और एल1 वीजा में लोगों की रचि में कोई कमी नहीं नजर आई है।’’ अमेरिका ने 9-11 स्वास्थ्य और मुआवजा कानून के तहत एच1बी वीजा की कुछ श्रेणियों पर 4,000 डॉलर की विशेष फीस और एल1 वीजा पर 4,500 डॉलर की फीस लागू की है। इस बढ़ोतरी के अनुसार लगभग सभी भारतीय आईटी कंपनियां प्रत्येक एच1बी वीजा के लिए 8,000 से 10,000 डॉलर के बीच भुगतान करती हैं।
बांड ने बताया कि भारत में अमेरिकी वाणिज्य दूतावासों ने पिछले साल सभी तरह के लगभग दस लाख वीजा जारी किये थे। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह आंकड़ा बढ़ सकता है क्योंकि दोनों देशों ने 2017 को यात्रा और पर्यटन का साल बनाने का फैसला किया है।
उन्होंने कहा, ‘‘इस साल अभी तक दुनियाभर में जितने एच1बी वीजा जारी किये गये, उनमें से 72 प्रतिशत भारतीय कर्मियों ने प्राप्त किये। इसी तरह हमने दुनियाभर में जो एल1 वीजा जारी किये, उनमें से 30 प्रतिशत भारतीय कर्मियों ने प्राप्त किये।’’