अप्रत्याशित नतीजों से चौंकाया: 2014 में जब भारत में लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार चल रहा था, तो किसी राजनैतिक विश्लेषक ने भाजपा की इतनी बड़ी जीत की कल्पना नहीं की थी। खुद भाजपा के आंतरिक सर्वेक्षणों में इतनी ज्यादा सीटों का अनुमान नहीं लगाया गया था, मगर जब नतीजे आए तो बीजेपी अपने स्थापना काल से अब तक सबसे ज्यादा सीटें जीतकर सरकार बनाने को तैयार थी। 2016 में डोनाल्ड ट्रंप के जीत का अनुमान बेहद कम सर्वेक्षणों में किया गया था, मगर जिस तरह से ट्रंप ने चुनावों में जीत हासिल की, उसने बड़े-बड़े राजनैतिक समीक्षकों को एक बार फिर गच्चा दे दिया।
कट्टर छवि, तुरंत एक्शन का वादा: नरेंद्र मोदी और डोनाल्ड ट्रंप, दोनों को राजनैतिक समीक्षक ‘कट्टर’ बताते रहे हैं। प्रचार के दौरान डोनाल्ड ट्रंप के मुस्लिमों के खिलाफ की गई नकरात्मक टिप्पणियों की वजह से कई बार उनकी तुलना नरेंद्र मोदी से की गई। ट्रंप हर मुद्दे पर तुरंत एक्शन लेने की वकालत करते हैं, चाहे वो सीरिया में इस्लामिक स्टेट के खिलाफ जंग छेड़ने का मसला हो या फिर अमेरिका में मुुस्लिमों पर प्रतिबंध लगाने की बात करना हो। दूसरी तरफ, नरेंद्र मोदी ने कई मुद्दों पर कड़े और तत्काल फैसले किए हैं।
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