नई दिल्ली : यूएन में भारत की तरफ़ से नवाज़ शरीफ़ को करारा जवाब देने वाली IAS अधिकारी एनम गंभीर एक दिन में पूरी दुनिया में मशहूर हो गई हैं। ये वहीं अधिकारी हैं जिनके यूएन में बोलने के बाद पूरा पाकिस्तान पानी पानी हो गया था।बुधवार का दिन पूरी दुनिया में एनम गंभीर के नाम रहा।ऐसा रोज-रोज नहीं होता जब राजनीतिक मसलों में नेताओं के अलावा किसी और के नाम की इतनी जोरदार चर्चा हो। लेकिन बुधवार को ऐसा ही दिन था, जब हर तरफ एनम गंभीर की ही बातें हो रही थीं। देश की युवा डिप्लोमैट और संयुक्त राष्ट्र संघ में भारत के परमानेंट मिशन की पहली सेक्रटरी एनम ने अपने जोरदार भाषण से सबका ध्यान आकर्षित किया था।

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एनम ने यूएन जनरल असेंबली के 71वें सत्र की जनरल डिबेट में भारत के ‘राइट टु रिप्लाई’ का इस्तेमाल करते हुए पाकिस्तान को खूब खरी-खोटी सुनाई। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने अपने भाषण में हमेशा की तरह कश्मीर राग अलापा था। इसके ठीक पांच घंटे बाद एनम गंभीर ने अपने प्रभावशाली और तार्किक भाषण में पाकिस्तान सरकार को मुंहतोड़ जवाब दिया एनम ने अपने भाषण में कहा,’जब आतंकवाद को स्टेट पॉलिसी के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है तो यह युद्ध अपराध कहलाता है। आतंकवाद को स्पॉन्सर करना पाकिस्तान की पुरानी नीति रही है। इसके नतीजे हमारे आस-पड़ोस के इलाकों से आगे भी दिखाई दे रहे हैं। यह कितना विरोधाभासी है कि जिस देश ने अपने यहां आतंकवाद को जन्म दिया, वह मानवाधिकारों की बात कर रहा है। प्राचीन भारत में तक्षशिला ज्ञान का केंद्र हुआ करता था लेकिन अब वहां आंतकियों की कतार लगी है।’ उन्होंने अपने भाषण में 11 सितंबर को अमेरिका पर हुए आतंकी हमले की याद भी दिलाई। एनम ने साफ शब्दों में कहा कि मानवाधिकारों की बात करने वाले पाकिस्तान का रवैया कितना पाखंडी और दोहरा है।
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