‘व्यवस्था ठीक रहती तो चुनाव नहीं लड़ पातीं हिलेरी’ – ट्रम्प

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Democratic U.S. presidential candidate Hillary Clinton meets with civil rights leaders at the National Urban League in the Manhattan borough of New York City, February 16, 2016. REUTERS/Mike Segar - RTX277XM

वॉशिंगटन । ईमेल गेट स्कैंडल में हिलेरी क्लिंटन को आरोपी नहीं बनाने के एफबीआई के फैसले पर कड़े शब्दों में प्रतिक्रिया करते हुए रिपब्लिक पार्टी के राष्ट्रपति पद के संभावित उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने आरोप लगाया कि ‘‘व्यवस्था में गड़बड़ियां हैं’’ हालांकि उन्होंने अमेरिकी जनता पर विश्वास जताते हुए कहा कि नवंबर में होने जा रहे आम चुनाव में ‘‘अंतिम फैसला’’ उन्हीं का होगा। इस बाबत एफबीआई की घोषणा के घंटे भर बाद ट्रंप ने कल एक वक्तव्य जारी करते हुए कहा, ‘‘दोस्तों इस व्यवस्था में गड़बड़ियां हैं। ऐसे मामले में सामान्य तौर पर जो सजा होती है उसमें व्यक्ति से गोपनीय सूचना पाने का हक छीन लिया जाता है और ऐसी स्थिति में हिलेरी क्लिंटन अमेरिका की राष्ट्रपति बनने के लिहाज से अयोग्य हो जातीं।’’
ट्रंप ने कहा कि एफबीआई निदेशक जेम्स कॉमे ने विस्तृत मामला बनाया था कि किस तरह क्लिंटन ने बेहद गोपनीय जानकारी को असुरक्षित निजी ईमेल सर्वर पर लेकर अमेरिकी जनता की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ किया। उन्होंने यह पुष्टि की है कि हिलेरी के ईमेल को दुश्मनों द्वारा बड़ी आसानी से हैक किया जा सकता था और जिन लोगों को भी उन्होंने यह ईमेल किया था उनके अकाउंट हैक हुए भी हैं। ट्रंप ने कहा, ‘‘हमारे दुश्मनों ने हिलेरी क्लिंटन को निश्चित ही ब्लैकमेल किया होगा और उन्हें अयोग्य घोषित करने के लिए यही तथ्य अपने आप में काफी है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह भी पता चला है कि हिलेरी क्लिंटन ने जब यह कहा कि उन्होंने कोई भी गोपनीय सूचना बाहर नहीं भेजी है, तब वे झूठ बोल रही थीं।’’ ट्रंप ने आगे कहा कि एफबीआई निदेशक ने यह पुष्टि की है कि उनकी ओर से भेजी गईं कई ईमेल गोपनीयता के दायरे में आती थीं। इनमें अति गोपनीय ईमेल भी शामिल थीं।
एफबीआई के बयान के हवाले से ट्रम्प ने कहा कि इसके अलावा क्लिंटन के वकीलों ने सर्वर की सारी जानकारी भी मिटा दी जिससे कि बाकी के ईमेल्स को जांचकर्ताओं से छिपाया जा सके।
ट्रंप ने कहा, ‘‘उन्होने विदेश मंत्रालय का इस्तेमाल अपने व्यक्तिगत फायदे के लिए किया, पैसे के लिए लोगों को लाभ पहुंचाया और जानकारी छिपाई। यही नहीं, पश्चिमी एशिया में लीबिया, सीरिया, इराक और मिस्त्र के संबंध में उन्होंने जो भी अनुचित फैसले लिए हैं, वे नहीं चाहती हैं कि लोग उनके बारे में विस्तार से जानें।’’

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