बयान में कहा गया है ‘तीनों पक्ष इस बात पर सहमत हुए कि साझा मूल्यों और लक्ष्यों को आगे बढ़ाने में बातचीत मदद करती है। उन्होंने नियमित आधार पर इस विचार विमर्श को जारी रखने का फैसला किया।’ पिछले सप्ताह अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी भारत आए थे। तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, कौशल विकास, महिला अधिकारिता, ऊर्जा, अवसंरचना एवं लोकतांत्रिक संस्थानों को मजबूत बनाने जैसे क्षेत्रों में क्षमता एवं क्षमतानिर्माण के लिए आवश्यकओं को पूरा करने की खातिर अफगानिस्तान को एक अरब डॉलर का आवंटन करने का ऐलान किया था।
अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी ने पिछले माह अपने भारत दौरे में कहा था कि वॉशिंगटन नई दिल्ली और काबुल के साथ वर्ष 2013 में बाधित हुई त्रिपक्षीय वार्ताओं को संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक से अलग शुरू करेगा। पूर्व में राष्ट्रीय राजधानी में संपन्न दूसरी भारत अमेरिका रणनीतिक एवं वाणिज्यिक वार्ता के दौरान विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा था ‘तेजी से बदलते क्षेत्रीय और वैश्विक हालात के मद्देनजर भारत इस साल अफगानिस्तान के साथ त्रिपक्षीय बैठक बहाल करने, अफ्रीका पर तथा बहुपक्षीय मुद्दों पर विचार विमर्श करने के लिए उत्सुक है।’































































