भारत ने कहा कि आतंकियों को खोजने के लिए भारतीय सेना फिर से सीमा रेखा को पार करके पाक अधिकृत कश्मीर में जा सकती है। अगर पाकिस्तान आतंकवाद का निर्यात जारी रखेगा तो भारत के लिए नियंत्रण रेखा अछूत नहीं रह जाएगी। इंडियाटाइम्स ने सरकार में उच्च -पदस्थन सूत्रों के हवाले से लिखा है कि 29 सितंबर की सर्जिकल स्ट्राइक्स के बाद से भारत ने पाकिस्तान को यही संदेश दिया है। भारत की वर्तमान स्थिति 1999 के स्टैंड से अलग है। कारगिल संघर्ष के चलते पाकिस्तान को नियंत्रण रेखा को अनुल्लंघनीय मानना पड़ा। जब पाकिस्तान ने कारगिल में घुसपैठ की और उसका मुंहतोड़ जवाब उसे मिला तो तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने कहा था कि सीमाएं दोबारा खून से नहीं बनाई जानी चाहिए। हाल के दिनों में जिस तरह पाकिस्ता्न की तरफ से एलओसी के जरिए आतंकियों की घुसपैठ कराई जा रही थी, उससे इस समझौते का सीधा-सीधा उल्लंघन हो रहा था। अब भारत यह इशारा कर रहा है कि वह भी आतंकियों की तलाश में एलओसी पार कर सकता है। 6 जनवरी, 2006 में पूर्व पाकिस्तानी राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने वायदा किया था कि वह भारत के खिलाफ हमला करने आतंकियों को पाकिस्तानी के नियंत्रण वाले क्षेत्र का इस्तेमाल नहीं करने देगा। सर्जिकल स्ट्राइक्स से यह साफ संदेश दिया गया कि पाकिस्तान को अपनी ‘सामान्य ’ स्थिति में बदलाव करना पड़ेगा।
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