भारत ने गुरुवार को ग्रीन क्लाइमेट फंड (GCF) की दक्षिण कोरिया में चल रही बैठक के दौरान गिलगित-बाल्टिस्तान में चल रहे पाकिस्तान के प्रॉजेक्ट का विरोध किया। दरअसल पाक इस प्रॉजेक्ट से ग्लेशियर झीलों के फटने से आने वाली बाढ़ का जोखिम कम करने के लिए कर रहा है।
लेकिन इस प्रॉजेक्ट पर भारत का कहना है इस परियोजना में कई खामियां हैं और इनका इस पूरे क्षेत्र में भयानक असर पड़ेगा। इसलिए उसका विरोध विशेषकर गिलगित-बाल्टिस्तान वाली परियोजना से है। ़
इस GCF बैठक में भारत की और से वित्त मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव दिनेश शर्मा प्रतिनिध हैं। जिन्होंने बैठक के दौरान भारत का पक्ष रखते हुए कहा कि इस क्षेत्र में पिछले 2 दशकों के दौरान झील फटने की 900 घटनाएं हो चुकी हैं। पाकिस्तान की इस परियोजना की सफलता इस बात पर आंकी गई है कि इसके 5 साल की अवधि में ग्लेशियर फटने की एक भी घटना नहीं होगी। भारत का कहना है कि इस क्षेत्र में झील और ग्लेशियर फटने की घटनाओं की जो नियमितता है, उसे देखते हुए पाकिस्तान का यह आकलन ही गलत है।
आपको बता दे, GCF बोर्ड इस परियोजना सहित कई अन्य परियोजनाओं पर शुक्रवार को आखिरी फैसला लेगा।
































































