नई दिल्ली : लगता है कि अहम जिम्मेदारियां पूरी करने में भारत और चीन की आपसी कड़वाहट आड़े नहीं आ रही है। समुद्री लुटेरों से घिरे एक व्यापारिक जहाज की मदद के लिए चीन और भारत की नौसेनाएं एकसाथ आगे आईं। समुद्री लुटेरों के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय सहयोग का सम्मान करते हुए दोनों देशों की नौसेनाओं ने आपसी सहयोग से एक व्यापारिक जहाज को डाकुओं से बचाया और लुटेरों की कोशिश को नाकाम कर दिया। यह घटना अदन की खाड़ी में हुई।
नौसेना के सूत्रों ने बताया कि 8 अप्रैल की देर रात को उन्हें अदन की खाड़ी में एक विदेशी व्यापारिक पोत के संकट में फंसे होने की जानकारी मिली थी। इस जहाज पर समुद्री डाकुओं ने हमला किया था। भारतीय नौसेना के कुछ जहाज – तरकश, त्रिशूल और आदित्य उसी वक्त अदन की खाड़ी से गुजर रहे थे। इन्होंने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए मुसीबत में फंसे उस व्यापारिक पोत को घेर लिया। भारतीय युद्धपोतों ने इस जहाज के कप्तान से संपर्क किया। लुटेरों से बचने के लिए इस जहाज के कप्तान ने नियमों के मुताबिक क्रू मेंबर्स के साथ खुद को स्ट्रॉन्ग रूम में बंद कर लिया था।
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