इस्लामिक स्टेट अपने खिलाफ लड़ रहे ईरान समर्थित शिया फोर्सेज को लेकर आम जनता के बीच डर फैला रहा है। ये फोर्सज न केवल आईएसआईएस बल्कि सुन्नी मुसलमानों और अमेरिकी फौज को भी दुश्मन मानती हैं। ये इतने खतरनाक हैं कि इराकी सरकार ने इनके मोसुल में घुसने पर रोक लगाई है। आशंका थी कि कहीं ये वहां की स्थानीय जनता पर ही जुल्म ढाना शुरू न कर दें। बता दें कि मोसुल से आईएसआईएस आतंकियों को खदेड़ना उसके उस कथित ‘सल्तनत’ पर तगड़ी चोट साबित होगी जिसका विस्तार सीरिया तक है।
इराकी सैनिकों की अगुआई में गठबंधन सेना के करीब एक लाख जवान इस इलाके में जंग लड़ रहे हैं। गांवों को एक-एक करके इस्लामिक स्टेट के कब्जे से आजाद कराया जा रहा है। इस ऑपरेशन में अमेरिकी स्पेशल फोर्सेज मदद कर रही हैं। इसके अलावा, अमेरिका नियमित तौर पर आतंकियों के ठिकानों पर हवाई हमले कर रहा है। हालांकि, सुरक्षाबलों को आईएसआईएस के स्नाइपर्स, इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस, सूइसाइड अटैक का सामना करना पड़ा रहा है। रास्तों में रखे गए बड़े पत्थर भी अभियान की रफ्तार को धीमा कर रहे हैं।